धामी की बढ़ती लोकप्रियता और उत्तराखण्ड में भाजपा का बढ़ता कुनवा
देहरादून। उत्तराखंड के युवा मुख्यमंत्री युवराज सिंह धामी के कार्यक्रम में अथाह की भीड़ उमड़ रही है। गढ़वाल और कुमाऊं में हुए गैर राजनीतिक कार्यक्रमों में जो भीड़ देखने को मिली है, उसे साफ है कि मुख्यमंत्री की सादगी, संजीदगी और धाकड़ जजमेंट जनता के हर वर्ग को पसंद आ रहे हैं। मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों में आ रहा जनसैलाब भविष्य के राजनीतिक कद को बयां करता है। देश के सबसे युवा मुख्यमंत्री की कमान संभालते ही पुष्य सिंह धामी जनता के चहेते हो गए थे। लेकिन पहले दिन से ही बड़ा फैसला और धाकड़ फैसला लेकर धामी की प्राथमिकता बढती जा रही है।
यही वजह है कि उत्तराखंड में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं, कार्यकर्ताओं का आंकड़ा 10 हजार की संख्या पार करने वाला है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा, चार मार्च से सीएम धामी के साथ विधानसभा के कार्यक्रमों में ये आंकड़ा और ऊपर जाएगा। जिसकी शुरुआत हारी हुई 23 सीटों से होगी।भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा पीएम मोदी और सीएम धामी के नेतृत्व में विकास की बहती गंगा और इस बहाव के जन दबाव का परिणाम है कि हर दिन सैकड़ों विपक्षी कार्यकर्ता भाजपा का रुख कर रहे हैं। उन्होंने कहा, आज मोदीमय और भाजपामय माहौल का नतीजा है कि कांग्रेस समेत विपक्ष को प्रत्याशी ढूंढने पर भी नहीं मिल रहे हैं। उनके बड़े-बड़े नेताओं के इन्कार के बाद उनकी स्क्रीनिंग कमेटी को बैठक करने के लिए भी प्रत्याशियों के नाम नहीं मिल रहे हैं।वहीं कांग्रेस नेता मनीष खंडूरी ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के साथ ही सभी पदों से भी इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस छोड़ने के बाद उनके भाजपा ज्वाइन करने की चर्चाएं गर्म है। मनीष खंडूरी पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चन्द्र खंडूरी के बेटे और विधानसभा अध्यक्ष ऋतू भूषण खंडूरी के भाई हैं। वह कांग्रेस के टिकट पर 2019 में पौड़ी लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।