उत्तराखंड

कुमाऊं में जनजीवन अस्त-व्यस्त, चार स्टेट हाईवे समेत 75 से अधिक सड़के बाधित

उत्तराखण्ड : उत्तराखण्ड में दो दिन से लगातार हो रही बरसात के चलते जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया। पहाड़ी से मलबा गिरने और भूस्खलन से टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग 12 घंटे बंद रहा। इसके अलावा कुमाऊं में चार स्टेट हाइवे समेत 75 से अधिक सड़कें अभी बंद हैं।

धारचूला-तवाघाट सड़क दूसरे दिन भी नहीं खुल सकी। इस कारण दो दिन से 50 से अधिक कैलाश यात्री धारचूला में फंसे हैं। पिथौरागढ़ की दारमा, व्यास घाटियों में सीजन का पहला हिमपात हुआ। टनकपुर में भारी बारिश के चलते किरोड़ा और बाटनागाढ़ नाला उफान पर आने से पूर्णागिरि मार्ग बाधित हो गया। बागेश्वर में बारिश से दो मकान क्षतिग्रस्त हो गए।

टनकपुर-तवाघाट राष्ट्रीय राजमार्ग पर घटखोला के पास हिलवेज कंपनी ने पांच घंटे के अथक प्रयास करके सड़क खोल दी थी। एसडीएम मंजीत सिंह चेतलधार पहुंचें और सड़क का निरीक्षण किया। एसडीएम ने लगातार हो रही बारिश को देखते हुए आदि कैलाश यात्रियों और स्थानीय लोगों से अकारण आवाजाही नहीं करने की अपील की है।

चंपावत में मूसलाधार बारिश से टनकपुर- पिथौरागढ़ एनएच गुरना संतोला के पास बंद होने से बड़ी संख्या में वाहन फंसने से यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सेना के जवान समेत कई यात्रियों ने जान जोखिम में डालकर पहाड़ी से गिर रहे मलबे को पार किया। अल्मोड़ा जिले में बारिश के कारण सल्ट-अल्मोड़ा मार्ग सर्वाधिक प्रभावित हुआ। मोहान के पास छोटे पुल का पिलर हिल जाने से भारी वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद कर दी गई है। छोटे वाहनों को रोक-रोक कर निकाला जा रहा है। दन्यां क्षेत्र में सड़क में कटाव हो जाने के कारण वाहनों को सावधानी पूर्वक निकाला गया। पन्याली गधेरे के उफान पर आने के कारण दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। लोनिवि अधिकारियों ने जेसीबी से यातायात सुचारू कराया। गंगोला-कोटली मार्ग पर भारी भूस्खलन होने से सैकड़ों वाहन फंसे रहे।

गढ़वाल मंडल में बारिश और भूस्खलन से राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य मार्ग, बार्डर रोड से लेकर ग्रामीण मोटर मार्ग समेत 93 मार्ग बंद हैं। इसमें सबसे अधिक प्रभावित चमोली जिला है। यहां पर 29 ग्रामीण मोटर मार्ग, एक राज्य मार्ग और एक मुख्य जिला मार्ग बंद है। टिहरी में 17, रुद्रप्रयाग में 15, पौड़ी गढ़वाल में 13, देहरादून में आठ और उत्तरकाशी में छह मार्ग बंद हैं। मार्ग बंद होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा। वहीं लोक निर्माण विभाग के अनुसार, बाढ़ और बारिश से अब तक 50 पुलों को नुकसान पहुंचा है। इसमें 15 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं, जबकि 35 पुल आंशिक क्षतिग्रस्त हैं। लोनिवि ने मागों, सेतुओं और भवनों को पूर्व की स्थिति में लाने के लिए 35,008.67 लाख खर्च होने का अनुमान लगाया है।

खटीमा में कई दिनों के इंतजार के बाद तराई में जमकर बदरा बरसे। लगातार जारी बारिश ने बीते दिनों आपदा का दर्द झेल चुके लोगों की पेशानी पर फिर बल ला दिए। खटीमा में कई घरों और दुकानों में बारिश का पानी भर गया। बुधवार मध्यरात्रि से शुरू हुई बारिश बृहस्पतिवार दिनभर जारी रही। खटीमा के अमाऊं, खेतलसंडा खाम, पकड़िया, राजीव नगर, कंजाबाग समेत कई स्थानों पर जलभराव की स्थिति रही। बाजार क्षेत्र के मुख्य चौक के पास और मेलाघाट मार्ग पर जलभराव है। यहां दुकानों और कई घरों में पानी भर गया। सितारगंज मार्ग स्थित एक पेट्रोल पंप के परिसर में भी पानी जमा हो गया। खकरा और ऐंठा नाले का जलस्तर बढ़ने से लोग चिंतित हैं।

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