सिंचाई विभाग की परिसंपत्ति बंटवारे का मामला अटका
देहरादून:सिंचाई विभाग की परिसंपत्तियों के बंटवारे का मामला लंबे समय से चल रहा है। वर्ष-2023 में दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों के बीच परिसंपत्ति के बंटवारे को लेकर सहमति बनी। इसमें चंपावत में 32 हेक्टेयर और ऊधम सिंह नगर में 12.50 हेक्टेयर भूमि उत्तराखंड सिंचाई विभाग को देने पर सहमति बन गई, लेकिन, इस संबंध में आदेश और हस्तांतरण की प्रक्रिया आज तक पूरी नहीं हो सकी।11 अप्रैल को हरिद्वार में यूपी और उत्तराखंड के सिंचाई विभाग के अधिकारियों के बीच बैठक हुई। इसमें सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज भी वर्चुअल माध्यम से जुड़े थे। बैठक में परिसंपत्ति के बंटवारे का मामला उठा। सिंचाई विभाग के अधिकारियों के अनुसार इसमें यूपी के अधिकारियों ने भविष्य के मद्देनजर संपत्तियों की आवश्यकता की बात रखी।
इसके बाद में तय हुआ कि दोनों सिंचाई विभाग के अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाई जाए। इस संयुक्त टीम में दोनों सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता स्तर के अधिकारी शामिल होंगे। यह संयुक्त टीम यूपी की संबंधित जगहों पर भूमि की आवश्यकता का परीक्षण कर रिपोर्ट देगी। सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियंता सुभाष कुमार कहते हैं कि अब यूपी ने चंपावत, ऊधम सिंह नगर जिले में भविष्य में अपनी आवश्यकता की बात कही है।
यूपी हरिद्वार में सिंचाई विभाग को 615 हेक्टेयर भूमि देने को तैयार है। यहां पर 697 हेक्टेयर अन्य भूमि है, जिसे कुंभ के आयोजन के लिए यूपी उपयोग के लिए एनओसी देगा।
परिसंपत्तियों के बंटवारे के लिए इस साल दो बार बैठक हो चुकी है। फरवरी में बनबसा में दोनों विभाग के अधिकारियों की बैठक हुई थी, इसमें सिंचाई मंत्री महाराज ने परिसंपत्तियों के बंटवारे को लेकर जितने भी विषय और समस्याएं हैं, उसके तत्काल प्रस्ताव तैयार करने को कहा। हाल में हरिद्वार में बैठक हुई है।