उत्तराखंड

राज्य में मौजूदा भू-कानून के उल्लंघन से जुड़े मामलों में प्रशासन स्तर से कार्रवाई जारी

उत्तराखंड : उत्तराखंड मे सख्त भू कानून और मूल निवास की मांग तेज हो रही है, दूसरी तरफ सरकार ने भू कानून का उल्लंघन करने वाले बाहर के लोगों पर जांच बिठा दी है। इस बीच सरकार ने चेतावनी जारी की है कि जांच से बचने के लिए ऐसे लोग स्थानीय लोगों को सस्ते दामों पर जमीनें बेच रहे हैं।  सरकार ने कहा है कि भू कानून का उल्लंघन करने वाले ऐसे लोगों से जमीन न खरीदें, क्योंकि जांच के बाद उनको भी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ सकता है।

दरअसल बाहरी प्रदेशों के ऐसे कई व्यक्ति हैं जिन्होंने अपने और अफने परिवार जनों के नाम से 250 वर्गमीटर की तय सीमा से ज्यादा जमीनें खरीद दी हैं। दूसरी तरफ ऐसे भी कई मामले आए हैं कि कई कारोबारियों ने खेती के लिए या उद्योगों के लिए जमीनें खरीदी लेकिन लंबे अरसे तक उसका उपयोग उस प्रयोजन के लिए नहीं किया, उल्टे उस पर प्लॉटिंग करके खूब मुनाफा कमा लिया। सरकार ऐसे सभी मामलों की जांच करवा रही है। जांच के डर से ये लोग अब स्थानीय लोगों को धड़ल्ले से इन जमीनों को बेचने लगे हैं।

अपर सचिव राजस्व आनंद श्रीवास्तव के मुताबिक, राज्य में मौजूदा भू-कानून के उल्लंघन से जुड़े मामलों में प्रशासन स्तर से कार्रवाई जारी है। कार्रवाई के बीच ऐसी सूचनाएं आ रहीं कि राज्य से बाहर के लोग, जिन्होंने पूर्व में भू-कानून का उल्लंघन कर जमीनें खरीदी हैं, वे अब इन जमीनों को राज्य के लोगों को बेच रहे हैं। इसलिए स्थानीय जनता से अपील की है कि ऐसे लोगों से किसी भी तरह से भूमि का सौदा न करें, ताकि भविष्य में उन्हें किसी भी तरह का कोई वित्तीय नुकसान न हो। यदि ऐसे व्यक्ति द्वारा बाद में जमीन राज्य के निवासियों को बेच भी दी जाती है, तो भी राज्य से बाहर का व्यक्ति भू-कानून का उल्लंघन के मामलों में कार्रवाई से बच नहीं सकता। लेकिन जिस भूमि में कानून का उल्लंघन हुआ है उसे सरकार में निहित होना ही है। ऐसे में उस जमीन को खऱीदने वाले स्थानीय लोगों को भी बडा नुकसान उठाना पड़ सकता है।

यदि राज्य से बाहर के किसी व्यक्ति ने भू-कानून उल्लंघन कर राज्य में जमीन खरीदी है तो उन प्रकरण में भू-कानून के स्पष्ट प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी। कहा, जिला स्तर पर डीएम को भी जमीनों की रजिस्ट्री में सतर्कता बरतने को कहा गया है।

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