मोदी समेत 72 मंत्रियों ने ली शपथ, सोमवार को नई कैबिनेट की पहली बैठक
नई दिल्ली। नरेन्द्र मोदी ने रविवार शाम को राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में आयोजित भव्य समारोह में लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. इस मौके पर राजनीति के अनुभवी और नये नेता, कारोबारी, फिल्मी सितारे सहित देशभर से आए करीब नौ हजार लोग मौजूद रहे.
राष्ट्रपति भवन प्रांगण में रविवार को शपथ ग्रहण करने वाली नरेन्द्र मोदी सरकार के मंत्रिमंडल की पहली बैठक सोमवार शाम को प्रधानमंत्री के लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास पर होने की संभावना है. सूत्रों ने यह जानकारी दी.
नवनियुक्त मंत्रियों की बैठक शाम पांच बजे मोदी के आवास पर होगी. सूत्रों ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की मंत्रिपरिषद में शामिल मंत्रियों के लिए रात्रिभोज का भी आयोजन किया.
मोदी कैबिनेट 3.0 की बात करें तो ये अब तक का सबसे बड़ा मंत्रिमंडल है. इससे पहले 2014 में 46 मंत्रियों ने और 2019 में 58 मंत्रियों ने शपथ ली थी. इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कुल 72 मंत्रियों ने शपथ ग्रहण की है. इनमें 30 कैबिनेट मंत्री, 5 राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार और 36 राज्य मंत्री हैं. इस सरकार में किसी मुस्लिम मंत्री ने शपथ नहीं ली.
इन नेताओं ने ली शपथ
सहयोगी दलों में जनता दल सेक्युलर नेता एच डी कुमारस्वामी, हिन्दुस्तान अवामी मोर्चा (सेक्युलर) प्रमुख जीतन राम मांझी, जदयू नेता ललन सिंह और तेदेपा के के. राम मोहन नायडू ने मंत्री पद की शपथ ली.
वरिष्ठ नेताओं राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण और एस. जयशंकर ने शपथ ली. वहीं, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर जैसे नए चेहरे भी मंत्री पद की शपथ ली.
विपक्ष से केवल मल्लिकार्जुन खड़गे आए
इस भव्य समारोह के लिए अतिथियों की सूची भी बारीकी से तैयार की गई थी. इस समारोह में विपक्ष के बहुत ज्यादा नेता नहीं थे. कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे तो मौजूद थे, लेकिन कई अन्य विपक्षी नेता समारोह में शामिल नहीं हुए.
पड़ोसी देशों के नेता भी हुए शामिल
इस समारोह में भारत के पड़ोसी देशों और हिंद महासागर क्षेत्र के सात शीर्ष नेता भी शामिल हुए जिनमें मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु, नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’, श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ, भूटान के शेरिंग तोबगे और सेशेल्स के उपराष्ट्रपति अहमद अफिफ प्रमुख हैं.
अतिथियों में शामिल रहे ये लोग
उद्योगपति गौतम अडाणी, उनकी पत्नी और भाई, मुकेश अंबानी और उनके बेटे और बेटी सहित उनका परिवार, मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ भी वहां मौजूद थे. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रतिभा पाटिल भी इस कार्यक्रम में शामिल हुईं.
सत्ता के केंद्र के विपरीत छोर पर हाशिये पर रहने वाले ट्रांसजेंडर समुदाय के लोग और साथ ही सफाई कर्मचारी और सेंट्रल विस्टा परियोजना मे काम करने वाले निर्माण मजदूर भी भव्य समारोह के गवाह बने. प्रधानमंत्री के रायसीना हिल पर आते ही ‘मोदी, मोदी’ के नारे लगने लगे थे.
मोदी ने पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की उपलब्धि की बराबरी कर ली है, जिन्होंने 1952, 1957 और 1962 के आम चुनावों में लगातार तीन बार जीत हासिल की थी.